
जय महासू देवता 🚩
नमस्कार प्रिय दर्शकों।
आज मैं आपको एक ऐसे जगह के बारे में बताने जा रहा हूँ जो कि इस सोशल मीडिया के युग में भी दुनियां के सामने नहीं है जी हां ऐसी खूबसूरत जगह जो कश्मीर ही नहीं अपितु स्विट्जरलैंड को भी अपने अंदर समाए हुए हैं। मैं बात कर रहा हूँ उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर देवघार की।
जब पूरा देश सोशल मीडिया पर हर कोना, हर घाटी, हर पहाड़ी दृश्य को वायरल करने में लगा है, तब भी उत्तराखंड के जौनसार-बावर का एक अनमोल क्षेत्र अभी
भी गुमनाम है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं ‘कुनैन वैली’ की।
यह वह घाटी है जहाँ की ठंडी हवाएं, घने जंगल किसी भी पर्यटक को स्वर्ग की अनुभूति करा सकती हैं।
काइला थात, बंगला फॉरेस्ट, और इसके इर्द-गिर्द फैली प्राकृतिक छटाएं—इनका जिक्र शायद ही किसी ट्रैवल ब्लॉग या इंस्टाग्राम रील में देखने को मिले, लेकिन जो एक बार यहाँ आ जाए, वो इसे जीवन भर नहीं भूलता।
हमने अपने फेसबुक चैनल जौनसार बावर की आवाज के माध्यम से एक मिनी vlog बनाकर थोड़ा बहुत दिखाने का प्रयास किया जिसे आप लिंक ओपन कर देख सकते हैं।
कुनैन वैली केवल प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं, बल्कि संस्कृति, शांति और जैविक विविधता का भी जीता-जागता उदाहरण है।
यहाँ की घाटियाँ कश्मीर की वादियों जैसी हैं और हरियाली ऐसी कि स्विट्ज़रलैंड भी फीका लगे।
लेकिन अफसोस की बात है कि इतनी अपार सुंदरता और पर्यटन की संभावनाओं के बावजूद यह क्षेत्र आज भी सरकारी नजरों और डिजिटल दुनिया से दूर है।
अब ज़रूरत है कि कुनैन वैली को वह पहचान दी जाए जिसकी वह हकदार है। पर्यटन, संस्कृति और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह घाटी एक नया गंतव्य बन सकती है—अगर सही मंच मिले, सही प्रचार हो।
कभी सोचा है कि अगली बार ‘कश्मीर जाने’ से पहले क्यों न जौनसार की इस छुपी हुई ‘जन्नत’ को देखा जाए?